अस्पतालों के फर्श साफ़ करने के लिए इस्तेमाल होने वाले क्लोरीन अब रोगाणुओं को नष्ट करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ प्लाइमाउथ के शोधकर्ताओं का कहना है कि ब्लीच की गहरी सांद्रता के बाद भी सी डिफ(क्लोस्ट्रिडियोआइड डिफिसिल) नामक रोगाणु नष्ट नहीं हो रहे हैं।
माइक्रोबायोलॉजी नामक पत्रिका में छपे एक अध्ययन में कहा गया कि अस्पतालों में भर्ती मरीज अनायास ही सुपरबग की चपेट में आ जाते हैं।
अध्ययन कर्ता स्कॉलर हुमैरा अहमद और उनकी एसोसिएट प्रोफेसर टीना जोशी ने कहा कि सी डिफ के संक्रमण से लाखों लोग प्रभावित होते हैं। अब अस्पतालों की सफाई और स्वच्छता के लिए दूसरे विकल्पों के बारे में सोचना चाहिए जिससे यह सुपरबग नष्ट हो सके।