रवि नायर और आनंद माँगनले के लिखे साझा लेख के लिए गुजरात पुलिस ने प्रारंभिक जांच के लिए सम्मन भेजा था। यह लेख अदाणी-हिंडनबर्ग मुद्दे पर एक पोर्टल (ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट) पर लिखा गया था। यह पोर्टल ‘भ्रष्टाचार पर समाचार’ देने वाला पोर्टल है। लेख लिखने के बाद लेखकों को गिरफ़्तार किए जाने का दबाव बढ़ा।
लेखकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मामले को वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह की तरफ़ से पेश किया गया। वरिष्ठ वकील ने कहा कि लेखकों को पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस किस कानून के अंदर आता है यह उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला है।
सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए गुजरात पुलिस से जवाब मांगा है।