दिल्ली उच्च न्यायालय ने 96 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी की पेंशन के मामले पर केंद्र सरकार पर जुर्माना लगाया। स्वतंत्रता सेनानी पेंशन बनवाने के लिए 40 साल से इंतज़ार कर रहे थे।
कोर्ट ने आदेश दिया, भारत संघ के ढुलमुल रवैये के कारण, यह न्यायालय भारत संघ पर 20,000 का जुर्माना लगाना उचित समझता है। आज से 6 सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता उत्तमलाल सिंह को लागत का भुगतान किया जाए।
कोर्ट ने दर्ज किया कि बिहार सरकार ने याचिकाकर्ता के मामले की सिफारिश की थी और मार्च 1985 में मूल दस्तावेज केंद्र सरकार को भेजे थे, हालांकि, केंद्र सरकार ने दस्तावेज खो दिए।
न्यायमूर्ति ने आगे कहा कि बिहार सरकार ने याचिकाकर्ता के नाम को एक बार और सत्यापित किया था और 14 जुलाई, 2022 को केंद्र सरकार को एक पत्र भेजा था, फिर भी उनकी पेंशन जारी नहीं की गई।
कोर्ट ने कहा कि यह भारत सरकार का अड़ियल रवैया है। उत्तम सिंह ने यह कहते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया कि उनका जन्म वर्ष 1927 में हुआ था और हुआ था,उन्होंने भारत छोड़ो आन्दोलन में भाग लिया और इससे जुड़े अन्य स्वतंत्रता संग्राम में उन्हें आरोपी बनाया गया। उन्होंने मार्च 1982 में स्वतंत्रता सैनिक सम्मान पेंशन के लिए आवेदन किया था। उनका नाम बिहार सरकार ने फरवरी 1983 में केंद्र सरकार को भेजा था और सितंबर 2009 में सिफारिश दोहराई गई थी। फिर भी इतनी देरी? यह दुःखद है।