संसद की सुरक्षा को भेदने के आरोपी, ललित झा के पिता देवानंद झा ने कहा कि बेटे के विरोध करने का तरीका गलत हो सकता है लेकिन बेरोजगारी की आवाज उठाना गलत नहीं है, जिस उम्र मे बच्चे खेलते कूदते मस्ती करते है, उस उम्र में मेरा बच्चा जो सवाल उठा रहा है वह भी सोचिये। उसने कोई चोरी नहीं की, कभी कोई अपराध नहीं किया, जीवन में किसी पर हाथ नहीं उठाया, आज उसे आतंकवादी बताया जा रहा है ?
आज के दौर में जिस बच्चे के कमरे में आजाद, भगत सिंह और सभी महापुरूषों की तस्वीरें सजी हो उसको देश विरोधी बताया जा रहा है ?
मेरा बेटा बेकसूर है, अदालतों को न्याय देने के लिये आगे आना चाहिये !