उमर ख़ालिद की गिरफ्तारी के 3 साल और 3 महीने बाद, उनको बिना जमानत या मुकदमे के जेल में डाल दिया गया है। उनकी जमानत याचिका, बीते एक साल में कम से कम 10 बार सूचीबद्ध की गई।
फरवरी 2020 में दिल्ली में हिंदू-मुस्लिम दंगे भड़काने के आरोपी 36 वर्षीय छात्र कार्यकर्ता उमर खालिद ने मई में अपनी जमानत याचिका दायर की थी। अब 2023 भी बीतने वाला है और उमर ख़ालिद की याचिकाओं पर कोई सुनवाई नही हो सकी है।