हिरासत में यातना देने पर पुलिसवालों पर चलेगा मुकद्दमा! केरल हाई कोर्ट ने एक महिला घरेलू सहायिका को हिरासत में यातना देने के आरोपी चार पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ ट्रायल कोर्ट में मुक़दमा चलाने का आदेश दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि हिरासत में अत्याचार को किसी भी सूरत में आधिकारिक कर्तव्यों का हिस्सा नहीं माना जा सकता। पीड़िता ने शिकायत में बताया कि चोरी के एक मामले में पूछताछ के लिए उसे तीन महिला पुलिस कांस्टेबलों द्वारा थाने लाया गया था, जहां उसके साथ शारीरिक और मानसिक रूप से क्रूर व्यवहार किया गया। आरोपों के अनुसार, पुलिस ने उसे डंडे और छड़ी से पीटा, उसका सिर दीवार पर मारा, गला दबाया और पेट पर लात मारी। मेडिकल जांच में भी महिला के शरीर पर गंभीर चोटों के निशान पाए गए। अदालत ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि “हिरासत में दी गई यातना सभ्य समाज में सबसे घिनौने अपराधों में से एक है। पुलिसकर्मियों को कानून से ऊपर नहीं माना जा सकता।”

- बोशल
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July 9, 2025
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