हैदराबाद के पुराने क्षेत्रों में जहां ‘ऑपरेशन चबूतरा’ कुख्यात हो रहा है कुछ लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं। सामाजिक रूप से मेल मिलाप और बैठने बात करने की जगह ने अब एक कुख्यात ऑपरेशन का रूप ले लिया है। इस पुलिसिया कार्यवाई में देर रात किसी युवा और उनके दोस्तों को बैठकर बातचीत करने से रोका जा रहा है। स्थानीय लोगों की चबूतरे को सामाजिक मेलजोल की जगह मानने की धारणा के विपरीत, हैदराबाद दक्षिण क्षेत्र में पुलिस इसे एक ऐसी जगह मानती है, जहां युवा देर रात अवैध गतिविधियों और आपराधिक साजिशों में लिप्त रहते हैं। इन चबूतरों पर देर रात बैठने की इजाज़त नहीं। शहर में आधी रात के बाद बाहर निकलने वाले युवाओं को पुलिस अस्थायी हिरासत में लेकर अवैध गतिविधियों और अपराधों पर नियंत्रण करने की बात कर रही है।
प्रश्न ये उठता है कि क्या कानून और व्यवस्था के नाम पर सामान्य नागरिकों, युवाओं के अधिकारों को इस तरह छीना जा सकता है? सवाल है नहीं। पुलिसिया कार्यवाई को इसीलिए हिंसक और कुख्यात कहा जा रहा है स्थानीय नागरिकों को यह बात पसन्द नहीं आ रही है।