ऑगर मशीन के टूटने के बाद लोगों में निराशा थी कि अब शायद क्रिसमस तक का टाइम लग जायेगा, पर भारतीय सेना के बचावकर्मी दस्ते ने इसे अतिशीघ्र सफल बनाया। मद्रास सैपर्स ने अपने सुपरविज़न में रैट माइनर्स के सहयोग से टनल में खुदाई का काम करवाया, 15 दिन के बाद सेनाओं से सहयोग लिया गया। यह सब सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा करता है। इस सबसे बड़े और लेट लतीफ़ रेस्क्यू ऑपरेशन में रैट माइनर्स की जीविका पर सवाल और बहस जरूरी है। क्योंकि इनकी जीविका का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
हाथ से खुदाई में रैट माइनर्स की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही।