हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उनके राज्य में हुए भर्ती घोटालों पर गीता में हाथ रखकर क़सम खाते हुए कहा कि अगर इसमें कोई अधिकारी संलिप्त पाया गया तो उसे तुरंत बर्खास्त कर दिया जाएगा। विपक्ष ने हरियाणा सरकार पर भर्ती घोटाले का आरोप लगाया था। विपक्ष का कहना है कि हरियाणा में ‘हरियाणा लोकसेवा आयोग’ की परीक्षा में ‘पर्ची-खर्ची’ के माध्यम से चयन हो रहे हैं, अर्थात् नक़ल और पैसों के माध्यम से चयन किया जा रहा है।
भ्रष्टाचार के लिए खट्टर ने खाई ‘गीता की क़सम’
- बोशल
- December 19, 2023
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कानपुर के तीन हिस्ट्रीशीटर भाजपा नेताओं ने प्रधानमंत्री से मुलाकात करने के बाद अपनी आपराधिक हिस्ट्री में बदलाव करवा लिया। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कानपुर यात्रा के दौरान तीन हिस्ट्रीशीटर भाजपा नेता, उनसे मिलने में कामयाब रहे, इन तीनों का आपराधिक रिकॉर्ड बहुत व्यापक है। तीनों के नाम संदीप ठाकुर, अरविंद राज उर्फ़ छोटू त्रिपाठी और वीरेंद्र दुबे है। यह कहा जा रहा है कि पुलिस ने संदीप ठाकुर की आपराधिक हिस्ट्री साफ कर दी है और मामले की जांच अब नए सिरे से की जाएगी। :पीयूष राय (पत्रकार)
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राहुल गांधी ने कहा “पैसा, पॉलिसी, प्रीमियम आपका, सुरक्षा, सुविधा, फायदा अडानी का!” LoP राहुल गांधी ने भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) द्वारा अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) में हाल ही में किए गए निवेश पर चिंता जताई है और कहा है कि यह सार्वजनिक धन (Public money) का निजी हितों (private interests)के लिए इस्तेमाल किए जाने का एक और उदाहरण है। राहुल गांधी ने ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए LIC द्वारा सार्वजनिक धन के इस तरह के इस्तेमाल पर नाराज़गी जताई।
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Ladakh new policy: गृह मंत्रालय ने लद्दाख(केंद्र शासित प्रदेश)के लिए आरक्षण, भाषा, निवास प्रमाण, पहाड़ी परिषदों की संरचना पर नई नीतियों को अधिसूचित किया है। सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जनजातियों (ST) के लिए 85% आरक्षण का प्रावधान है पर केवल 31 अक्टूबर, 2019 से लगातार 15 साल की अवधि तक यूटी में रहने वाले लोगों को ही लद्दाख का निवासी माना जाएगा। पहाड़ी परिषदों में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित की गईं हैं, अनुच्छेद 370 हटने के बाद अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, भोटी और पुरगी भाषाएँ केंद्र शासित प्रदेश की आधिकारिक भाषाएँ होंगी।
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Electoral Bond : स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) को करोड़ो रुपए का घाटा पहुंचाने वाली कंपनियों में मुख्य कंपनी पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी,नकली दस्तावेजों का उपयोग, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के उल्लंघन का आरोप। लोकपाल के जांच में सामने आया है कि लखनऊ के पते पर पंजीकृत APCO ने 15 जनवरी, 2020 से 12 अक्टूबर, 2023 के बीच 30 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे, जिन्हें बाद में भाजपा ने भुना लिया। चुनावी बॉन्ड खरीदने के दौरान सरकार की तरफ़ से APCO को कई महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित सरकारी अनुबंध मिले हैं, जिनकी कीमत हज़ारों करोड़ रुपये है। VVPIL नामक एक कंपनी भी SAIL घोटाले में शामिल है और ऐसी 43 कंपनियों ने काल्पनिक सरकारी परियोजनाओं की आड़ में सैल से सस्ते दामों में स्टील खरीदा और इन्हें अन्य को बेचा। जबकि इन काल्पनिक कंपनियों का कहना था कि वे सरकारी परियोजना जैसे सड़क निर्माण और पुलों के निर्माण में लगी हैं।इसकी शिकायत करने वाले SAIL के एक अधिकारी राजीव भाटिया ने PMO में पत्र लिखकर कई बार शिकायत की पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। हुआ ये कि राजीव भाटिया को ही नौकरी से रिटायरमेंट लेना पड़ा। (अंकित राज, द वायर)
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Massive Fire: प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दक्षिण मुंबई स्थित बैलार्ड स्टेट के जोन-1 के महत्वपूर्ण कार्यालय में आग लग गई और ये आग 10 घंटे तक लगी रही, इस कार्यालय में भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी, नीरव मोदी के साथ-साथ राजनेता छगन भुजबल और अनिल देशमुख जैसे अन्य हाई-प्रोफाइल मामलों के जांच रिकॉर्ड नष्ट हो गए हैं। ऐसी आशंका है कि अब इनकी जांच पर असर पड़ेगा। कहा जा रहा है कि ED के इस प्रशासनिक कार्यालय में जहां महत्वपूर्ण रिकॉर्ड्स रखे जाते हैं वहां पर शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी। यह भी आश्चर्यजनक है कि यह आग 10 घंटे तक लगी रही।
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Corruption : पूर्व IPS अधिकारी और पुदुच्चेरी की पूर्व राज्यपाल और भ्रष्टाचार आंदोलन की मुख्य कार्यकर्ता, किरण बेदी ने अपनी बेटी साइना पर बिना किसी कानूनी अनुमति के उनकी निजी जिंदगी पर नज़र रखने के लिए दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का इस्तेमाल किया। 30 घंटे की ऑडियो रिकॉर्डिंग और सौ से ज्यादा ईमेल पर आधारित यह पड़ताल साल 2003 की है। किरण बेदी की बेटी और उनके शादीशुदा साथी होटल व्यवसायी गोपाल सूरी, पैसे कमाने के लिए किरण बेदी की सार्वजनिक प्रोफाइल का इस्तेमाल वीजा घोटाले के लिए कर रहे थे। किरण बेदी इससे वाक़िफ भी थीं फिर भी उन्होंने इससे इनकार कर दिया। एक ईमेल में इसे ‘मानव तस्करी’ भी बताया गया है। इस जासूसी और फोन टैपिंग में दिल्ली पुलिस के पांच वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। जिनमें तीन, मुकुंद उपाध्याय, उज्ज्वल मिश्रा और वेद भूषण थे। मिश्रा और भूषण, बाद में दिल्ली पुलिस के संयुक्त और सहायक आयुक्त बने, किरण बेदी के लिए ये लोग निगरानी करने और उन्हें सूचनाएं पहुंचाने में प्रमुख भूमिका में थे। किरण बेदी ने कुछ जासूसी एजेंसियों को भी इस काम में लगाया था।
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