वरिष्ठ वकील और न्यायविद फली नरीमन ने एक साक्षात्कार में कहा कि जम्मू कश्मीर के विशेष प्रावधान धारा 370 को समाप्त करने के केंद्र के फैसले में, सर्वोच्च न्यायालय यह समझ ही नहीं पाया कि भले ही अनुच्छेद-३७० एक अस्थायी प्रावधान था इसके बावजूद क्या इसे हटाने की प्रक्रिया सही और संवैधानिक तरीके से की गई, जैसा कि इसे संवैधानिक संशोधन के माध्यम से किया जाना चाहिए था?
क्या धारा 370 को संवैधानिक संशोधन करके सही तऱीके से हटाया गया, जिस तऱीके से इसे हटाया जाना चाहिए था? : फली नरीमन(संविधानविद)
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