पतंजलि के टीकाकरण और अंग्रेजी दवाओं के खिलाफ अभियान पर सुप्रीम कोर्ट ने पातंजलि आयुर्वेद को कहा कि झूठे और भ्रामक विज्ञापन बंद करें।
झूठे इलाज का दावा करने वाले हर उत्पाद पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद को निर्देश दिया कि भविष्य में ऐसा कोई विज्ञापन प्रकाशित नहीं करेगा और यह भी सुनिश्चित करेगा कि प्रेस में उसके द्वारा आकस्मिक बयान न दिए जाएं।
अदालत ने यूनियन से भ्रामक चिकित्सा विज्ञापनों से निपटने के लिए एक प्रस्ताव के साथ वापस आने को भी कहा।
कोर्ट पतंजलि विज्ञापनों के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका पर विचार कर रहा था।