लोकसभा आचार समिति ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश करने वाली एक ड्राफ्ट रिपोर्ट बनाई है। यह रिपोर्ट बहुसंख्यवादी है। इसमें 6 महुआ मोइत्रा को निष्काषित करने के पक्ष में और 4 महुआ मोइत्रा को नहीं निकालने के पक्ष में हैं। जबकि लोकसभा की आचार समिति में 15 सदस्य होते हैं।
लोकसभा नैतिकता पैनल ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को अयोग्य ठहराने का सुझाव दिया है।
अभी तक संसदीय आचार समिति की दंडात्मक कार्यवाहियों में 5 बार सांसदों को निष्कासन मिला है, 1951 में एच जी मुद्गल,
1976 में सुब्रमण्यम स्वामी, 1977 में इंदिरा गांधी, 2005 में एक साथ 11 सांसद, 2016 में विजय माल्या का राज्यसभा से निष्कासन शामिल है।