प्रियंका गांधी ने कहा कि “गाजा में 7000 मनुष्यों की हत्या के बाद भी रक्तपात और हिंसा का दौर थमा नहीं। इन 7000 लोगों में से 3000 मासूम बच्चे थे।कोई ऐसा अंतरराष्ट्रीय कानून नहीं, जिसे कुचला न गया हो। कोई ऐसी मर्यादा नहीं, जिसे तार-तार न किया गया हो। कोई ऐसा क़ायदा नहीं, जिसकी धज्जियाँ न उड़ी हों।इंसानियत कब जागेगी? कितनी जानों के जाने के बाद। कितने बच्चों की बलि के बाद।
क्या मनुष्य होने की चेतना बची है? क्या वह कभी थी भी?”