मंगलवार 24 अक्टूबर को गुजरात हाईकोर्ट में एक मामला सुनने के दौरान दो जजों में आपस में तीखी बहस हो गई।जस्टिस बीरेन वैष्णव ने आदेश पढ़कर सुनाना शुरू ही किया था कि जस्टिस मोना भट्ट ने उनके कान में अपनी असहमति दर्शाई। जस्टिस भट्ट असहमत थीं। और जस्टिस मोना भट्ट के बीच हुई इस बहस कारण जस्टिस मोना भट्ट का जस्टिस बीरेन वैष्णव से असहमत होना था।
जस्टिस वैष्णव ने जस्टिस भट्ट से कहा, ‘तो आप अलग हैं। हम एक में भिन्न हैं, हम दूसरे में भिन्न हो सकते हैं।’
जस्टिस भट्ट ने तब कहा, ‘यह अलग होने का सवाल नहीं है।’
जिस पर जस्टिस बीरेन ने कहा, ‘तो बड़बड़ाइये मत, आप एक अलग आदेश पारित कर दें।’ इसके बाद जस्टिस वैष्णव उठे और कोर्ट रूम से बाहर चले गए। बाद में सीनियर जज ने माफ़ी माँगते हुए कहा ‘मुझसे गलती हुई, ऐसा नहीं होना चाहिए था’।
कोर्ट की सुनवाई यूट्यूब ऑनलाइन लाइव प्रसारित हो रही थी। घटना के बाद यूट्यूब से वीडियो हटवाया गया। ऐसी ही एक घटना सुप्रीम कोर्ट में 2016 में जस्टिस इक़बाल और जस्टिस अरुण मिश्रा के बीच हो चुकी है।