महुआ मोइत्रा के वकील ने मुझसे केस वापस लेने को कहा: दिल्ली हाईकोर्ट से जय अनंत
- बोशल
- October 21, 2023
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RSS Press Conference : RSS की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (ABPS) की बंगलुरु में हुई बैठक में संघ की नीतियों और उसके दृष्टिकोण पर चर्चा हुई। आखिरी पत्रकार वार्ता में संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले से BBC द्वारा यह पूछे जाने पर कि संघ भाजपा की अभिभावक है इसलिए बीते 11 साल के बीजेपी शासन को वह कैसे आंकती है? उन्होंने जवाब दिया जैसे देश आंकलन करता है वैसे संघ भी करता है, जहां तक अभिभावक होने की बात है “…हम किसी भी सरकार के अभिभावक बनने को तैयार हैं, सिर्फ़ भाजपा के नहीं।”
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Cooperative Corruption : असम कोऑपरेटिव एपेक्स बैंक के खिलाफ़ चल रहे प्रदर्शन को कवर कर रहे पत्रकार दिलावर हुसैन मजूमदार को दो बार गिरफ़्तार किया गया। दिलावर हुसैन द क्रॉसकरंट के रिपोर्टर और गुवाहाटी प्रेस क्लब के सहायक महासचिव हैं। इस सहकारी बैंक के निदेशक हेमंत बिस्वा शरमा हैं जो कि असम के मुख्यमंत्री हैं और भाजपा विधायक बिस्वजीत फुकन इसके अध्यक्ष हैं। मजूमदार को पहले 25 मार्च को गिरफ़्तार किया गया, 26 मार्च को उन्हें जमानत दी गई पर जमानत बॉन्ड न जमा कर पाने के कारण उन्हें अगले दिन रिहा किया गया। गिरफ्तारी का सिलसिला जारी रहे इसलिए पत्रकार के खिलाफ एक अन्य शिकायत भी करवाई गई। यह शिकायत असम कोऑपरेटिव एपेक्स बैंक के प्रबंध निदेशक डंबरू सैकिया ने लिखवाई, पत्रकार पर दस्तावेज चोरी का आरोप लगाया। इसके बाद उन्हें दोबारा गिरफ़्तार किया गया। अदालत ने मजूमदार को जमानत देते हुए कहा कि किसी पर ऐसे आरोप लगाना “कानून का दुरुपयोग” करने से कम नहीं होगा, जिस कानून को अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों की सुरक्षा के लिए बनाया गया था, उसका इस्तेमाल झूठे आधार पर लोगों को गिरफ्तार करने के लिए एक उपकरण के रूप में किया जा रहा है।
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Government’s economic mishandling: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि ICICI बैंक के 782 पूर्व कर्मचारियों ने संसद में उनसे मुलाक़ात की। उनकी बातें बहुत परेशान करने वाली थीं। उनकी कहानियों से एक पैटर्न सामने आता जिससे साफ़ होता है कि कार्यस्थल पर उत्पीड़न,जबरन तबादले, NPA उल्लंघन करने वाले का खुलासा करने पर प्रतिशोध, प्रक्रिया का पालन किए बिना बर्खास्तगी और कुछ मामले हैं जिनमें कर्मचारियों ने आत्महत्या भी कर ली। भाजपा सरकार ने अपने अरबपति मित्रो के 16 लाख करोड़ रुपये के ऋण माफ कर दिए हैं। नियामक कुप्रबंधन तो किया ही भाई-भतीजावाद करके भाजपा सरकार ने भारत के बैंकिंग क्षेत्र को संकट में डाल दिया है। इसका बोझ अंततः जूनियर कर्मचारियों पर पड़ रहा है। इसके कारण वे तनाव और ख़तरनाक स्थितियों को झेल रहे हैं। भाजपा के आर्थिक कुप्रबंधन की कीमत देश के नागरिकों को चुकानी पड़ रही है। हम इन मामलों को संसद में उठाएंगे।
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USAID: सरकार को भारत की जनता को यह बताने में अधिकतम 1 घंटा लगेगा, कि USAID से किस संस्था को 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर मिले? RBI और वाणिज्यिक बैंक पूरी जानकारी दे सकते हैं। ये इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर हैं। इनके बारे में कोई रहस्य नहीं है। तो फिर मोदी सरकार चुप क्यों हो गई है? टीवी पर बड़े मीडिया के चीयरलीडर्स अचानक चुप क्यों हो गए हैं? बेचारे बुद्धिहीन भक्त (वेतनभोगी या अवैतनिक जो भी हो) फिर से मूर्ख क्यों महसूस कर रहे हैं। : संजय झा( लेखक)
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USAID: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 21 मिलियन डॉलर (2.1करोड़ डॉलर) की धनराशि से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम जोड़ा है। ट्रंप ने कहा कि “…और 21 मिलियन डॉलर मेरे मित्र, भारत में प्रधानमंत्री मोदी को वोटिंग के लिए दिए जा रहे हैं। हम भारत में वोटिंग के लिए 21 मिलियन डॉलर दे रहे हैं। हमारा क्या? मैं भी वोटिंग के लिए वोट चाहता हूँ, गवर्नर।” यह पहली बार है जब किसी राष्ट्रपति ने भारत के प्रधानमंत्री का नाम इस तरह आम चुनाव में मतदाताओं को प्रभावित करने के नाम पर जोड़ा है। यही बात जब अमेरिका के DOGE प्रमुख इलोन मस्क ने कही, तब भाजपा ने आरोप लगाया कि विदेशी ताकतें मोदी को हटाना चाहती हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि यह दो दोस्तों के बीच की बात है पर एक दोस्त ने दूसरे को धोखा दे दिया।
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USAID : कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि USAID का विस्तृत ब्यौरा सरकार सबके सामने रखे। इस पैसे का एक चौथाई हिस्सा, साल 2021-2024 के बीच नरेंद्र मोदी की सरकार के समय आया इसका हिसाब देश के सामने रखा जाए। 2012 के दौरान जब अन्ना हजारे का आंदोलन काफी जोर शोर से चल रहा था, केजरीवाल अपनी पार्टी बना रहे थे और नरेंद्रमोदी आडवाणी के खिलाफ़ षडयंत्र रच रहे थे तब भी USAID से पैसा आया। यह पैसा कहां गया, किसे गया हम सबकुछ श्वेत पत्र में जानना चाहते हैं।
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