WHO के क्षेत्रीय कार्यालय की जानकारी के अनुसार उत्तरी ग़ज़ा के अल-शिफा अस्पताल में उनके अपने काम करने वाले लोगों के साथ संपर्क नहीं हो पा रहा है। उनके अनुसार जब अस्पताल पर बार-बार हमले होने की भयावह रिपोर्टें सामने आ रही हैं तो उनका कहना है कि, हम मानते हैं कि अब हमारे संपर्क में हजारों विस्थापित लोग शामिल हो जाएंगे, बहुत से लोग मारे जाएंगे और संभव है वे क्षेत्र से भाग रहे हैं।
WHO का अल शिफ़ा अस्पताल से संपर्क टूट गया है
- बोशल
- November 12, 2023
- 11648 Views
- 0 0
New Posts
-
RSS Press Conference : RSS की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (ABPS) की बंगलुरु में हुई बैठक में संघ की नीतियों और उसके दृष्टिकोण पर चर्चा हुई। आखिरी पत्रकार वार्ता में संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले से BBC द्वारा यह पूछे जाने पर कि संघ भाजपा की अभिभावक है इसलिए बीते 11 साल के बीजेपी शासन को वह कैसे आंकती है? उन्होंने जवाब दिया जैसे देश आंकलन करता है वैसे संघ भी करता है, अभिभावक कि जहां तक बात है “…हम किसी भी सरकार के अभिभावक बनने को तैयार हैं, सिर्फ़ भाजपा के नहीं।”
0 0 -
Cooperative Corruption : असम कोऑपरेटिव एपेक्स बैंक के खिलाफ़ चल रहे प्रदर्शन को कवर कर रहे पत्रकार दिलावर हुसैन मजूमदार को दो बार गिरफ़्तार किया गया। दिलावर हुसैन द क्रॉसकरंट के रिपोर्टर और गुवाहाटी प्रेस क्लब के सहायक महासचिव हैं। इस सहकारी बैंक के निदेशक हेमंत बिस्वा शरमा हैं जो कि असम के मुख्यमंत्री हैं और भाजपा विधायक बिस्वजीत फुकन इसके अध्यक्ष हैं। मजूमदार को पहले 25 मार्च को गिरफ़्तार किया गया, 26 मार्च को उन्हें जमानत दी गई पर जमानत बॉन्ड न जमा कर पाने के कारण उन्हें अगले दिन रिहा किया गया। गिरफ्तारी का सिलसिला जारी रहे इसलिए पत्रकार के खिलाफ एक अन्य शिकायत भी करवाई गई। यह शिकायत असम कोऑपरेटिव एपेक्स बैंक के प्रबंध निदेशक डंबरू सैकिया ने लिखवाई, पत्रकार पर दस्तावेज चोरी का आरोप लगाया। इसके बाद उन्हें दोबारा गिरफ़्तार किया गया। अदालत ने मजूमदार को जमानत देते हुए कहा कि किसी पर ऐसे आरोप लगाना “कानून का दुरुपयोग” करने से कम नहीं होगा, जिस कानून को अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों की सुरक्षा के लिए बनाया गया था, उसका इस्तेमाल झूठे आधार पर लोगों को गिरफ्तार करने के लिए एक उपकरण के रूप में किया जा रहा है।
0 0 -
Government’s economic mishandling: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि ICICI बैंक के 782 पूर्व कर्मचारियों ने संसद में उनसे मुलाक़ात की। उनकी बातें बहुत परेशान करने वाली थीं। उनकी कहानियों से एक पैटर्न सामने आता जिससे साफ़ होता है कि कार्यस्थल पर उत्पीड़न,जबरन तबादले, NPA उल्लंघन करने वाले का खुलासा करने पर प्रतिशोध, प्रक्रिया का पालन किए बिना बर्खास्तगी और कुछ मामले हैं जिनमें कर्मचारियों ने आत्महत्या भी कर ली। भाजपा सरकार ने अपने अरबपति मित्रो के 16 लाख करोड़ रुपये के ऋण माफ कर दिए हैं। नियामक कुप्रबंधन तो किया ही भाई-भतीजावाद करके भाजपा सरकार ने भारत के बैंकिंग क्षेत्र को संकट में डाल दिया है। इसका बोझ अंततः जूनियर कर्मचारियों पर पड़ रहा है। इसके कारण वे तनाव और ख़तरनाक स्थितियों को झेल रहे हैं। भाजपा के आर्थिक कुप्रबंधन की कीमत देश के नागरिकों को चुकानी पड़ रही है। हम इन मामलों को संसद में उठाएंगे।
0 0
Related Posts
-
Poorness in India: ब्लूम वेंचर्स (उद्यम पूंजी फर्म) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में गरीबी बढ़ती जा रही है। भारत की 1.4 अरब की आबादी में 1अरब आबादी के पास मन का खरीदने और सेवाएं लेने के पैसे ही नहीं हैं। एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में उपभोक्ता वर्ग बढ़ नहीं रहा है बल्कि ये गहरा हो रहा है। इसका मतलब है कि भारत की धनी आबादी की संख्या वास्तव में नहीं बढ़ रही है। जो पहले से ही अमीर हैं वे और भी अमीर होते जा रहे हैं। रिपोर्ट के निष्कर्ष इस दृष्टिकोण को बल देते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था में कोरोना महामारी के बाद की K-आकार की ग्रोथ ने अमीर को अधिक अमीर बनाया और गरीबों की पॉकेट से पैसे छीन लिया। सरकार की नीतियों में समस्याएं कोरोना महामारी से पहले ही शुरू हो गई थी और अब असमानता इतनी बढ़ गई है कि शीर्ष 10% भारतीयों के पास अब राष्ट्रीय आय का 57.7% हिस्सा है, जबकि निचले आधे लोगों का राष्ट्रीय आय में हिस्सा 15% हो गया है।
0 0 -
Research Paper Gujrat model: एक शोधपत्र में कहा गया है कि गुजरात मॉडल असल में बिहार के नजदीक है, यहां कुपोषण है, गरीबी और अमीरी की खाईं गहरी हुई है, गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की दर बढ़ी है, शिक्षा की दर अच्छी नहीं है, अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा बहुत कमजोर है। शोधपत्र में यह बात बड़ी दिलचस्प कही गई है कि भारत में अगर कोई मॉडल है, तो वह तमिलनाडु का विकास मॉडल है, यह एक ऐसा राज्य है, जिसने लगभग गरीबी मिटा दी है, तेज़ी से औद्योगीकरण भी किया है और सेवाएं अब उद्योगों की जगह ले रही हैं। यह चीज गुजरात मॉडल में देखने को नहीं मिलती, यहां जॉब क्रिएशन नहीं है। गुजरात का विकास बिना नौकरियों का विकास है। यह शोध पत्र राजनीति विज्ञानी और दक्षिण एशिया विशेषज्ञ क्रिस्टोफ जेफरलॉ, विग्नेश राजमणि और नील भारद्वाज ने तीन राज्यों पर शोध करके तैयार किया है।
0 0 -
Hate speech Report: भारत में बीते साल 2024 में हेट स्पीच(नफ़रत फैलाने वाले भाषण) में 74% की वृद्धि हुई। इंडिया हेट लैब की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल 1000 नफ़रती भाषण दिए गए जबकि 2023 में 688 नफ़रती भाषण दिए गए। इन भाषणों को देने वाले ज्यादातर भारतीय जनता पार्टी के लोग थे। ये भाषण उन राज्यों में दिए गए जहां पर भारतीय जनता पार्टी या NDA की सरकारें हैं और सार्वजनिक व्यवस्था और पुलिस इस दल के कंट्रोल में है।
0 0
Previous Article