सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में कहा कि बिना सबूत के किसी को भी ‘विदेशी नागरिक’ नहीं घोषित किया जा सकता है। न्यायालय ने 20 सालों से नागरिकता की लड़ाई लड़ रहे मोहम्मद रहीम अली के पक्ष में फैसला सुनाया। 19 मार्च 2012 को असम के विदेशी ट्राइब्यूनल ने अली को विदेशी नागरिक घोषित कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि जांच अधिकारियों के पास पर्याप्त सबूत न होने के बावजूद अली की नागरिकता पर प्रश्न उठाया गया। दस सालों तक परेशान रहे अली के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह ‘न्याय की असफलता’ है।
- बोशल
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July 14, 2024
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