कोर्ट ने कहा-सारे निर्णय पति ले रहे हैं और प्रधान-प्रधानपति पर 10 हजार का जुर्माना लगाया, कहा कि महिला रबर स्टाम्प की तरह हो गयी है।
कोर्ट ने ग्रामसभा के प्रस्ताव के बिना प्रधानपति के हलफनामे से दाखिल याचिका खारिज करते हुए प्रधान व प्रधानपति दोनों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने कहा कि महिला प्रधान को अपनी शक्तियां पति या अन्य किसी को हस्तांतरित करने व प्रधानपति को काम में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है।