तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा कि सांसद कनिमोझी सहित 15 विपक्षी सांसदों का निलंबन अलोकतांत्रिक है और यह संसदीय लोकतंत्र की भावना को कमजोर करता है।
भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का असहिष्णु रवैया निंदनीय है।
क्या सांसदों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलना हमारी संसद में नया आदर्श है? हमारे लोकतंत्र के मंदिर में एक बड़े सुरक्षा उल्लंघन पर जवाब मांगने पर जन प्रतिनिधियों को दंडित क्यों किया जाता है?
हम 15 सांसदों के निलंबन को तत्काल रद्द करने की मांग करते हैं। संसद को बहस का मंच होना चाहिए न कि विपक्ष को चुप कराने का।