वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि इस मुद्दे पर फैसला सुनाने वाले सभी जज मानते हैं कि भेदभाव है। भेदभाव है तो उसका निराकरण होना चाहिए, हमने माँग की है कि इस मामले की सुनवाई खुली अदालत में हो।
मुख्य न्यायमूर्ति ने कहा कि उन्होंने याचिकाएं देखी नहीं हैं, देखेंगे तो सुनवाई की तारीख तय करने पर विचार करेंगे।