BoCial ( बोशल )
Login
Register
Trending Bocial
आंदोलन
▼
छात्र संघर्ष
किसान संघर्ष
मज़दूर संघर्ष
खेल
▼
क्रिकेट
फुटबॉल
एथलेटिक्स
टेनिस
हॉकी
बैडमिंटन
चेस
नीति-पॉलिसी
पर्यावरण
▼
प्रदूषण
जैव विविधता
जलवायु परिवर्तन
NGT
न्यायपालिका
▼
सुप्रीम कोर्ट
अन्याय
अंतर्राष्ट्रीय
▼
यूरोप
रुस यूक्रेन संघर्ष
एशिया
अमेरिका
चीन
संयुक्त राष्ट्र
धर्म
अंधविश्वास
▼
कट्टरता
हेट स्पीच
सांप्रदायिक हिंसा
संसद
▼
विधानसभा
महिला अपराध
▼
दुष्कर्म
छेड़छाड़
अल्पसंख्यक
राजनीति
सिनेमा
▼
बॉलीवुड
साउथ सिनेमा
हॉलीवुड
वर्ल्ड सिनेमा
सुरक्षा
▼
सेना
युद्ध
आतंकवाद
राष्ट्रीय
▼
दक्षिण भारत
नार्थ ईस्ट
चुनाव
▼
MP चुनाव
राजस्थान चुनाव
बेरोज़गारी
विज्ञान
▼
आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस
क्रिप्टो
स्वास्थ्य
▼
महिला स्वास्थ्य
बाल स्वास्थ्य
वृद्धावस्था
रिपोर्ट
▼
अंतरराष्ट्रीय संगठन
अंतरराष्ट्रीय NGO
Bocial Ratings
▼
फ़िल्म रेटिंग
स्ट्रीट फ़ूड रेटिंग
पुस्तक रेटिंग
भाषण रेटिंग
कोचिंग रेटिंग
यूट्यूबर रेटिंग
BoCial (बोशल) | Hindi News Headlines | All News collections | Big Breaking | The BoCial (द बोशल)
Facebook
Twitter
Instagram
राष्ट्रीय
Share on Facebook
Ratan Tata: राष्ट्रीय आइकॉन, दिग्गज उद्योगपति और TATA समूह के चेयरमैन 86 वर्षीय रतन टाटा नहीं रहे।
बोशल
October 10, 2024
9954
Views
0
0
Share on Facebook
New Posts
D. Gukesh: भारत के शतरंज खिलाड़ी डी. गुकेश इतिहास रचते हुए सबसे कम उम्र में विश्व शतरंज चैंपियन बन गए हैं। 18 वर्षीय गुकेश ने सिंगापुर में आयोजित विश्व शतरंज चैंपियनशिप के फाइनल में चीन के डिंग लिरेन को 7.5-6.5 के स्कोर से हराया। 14 गेम की सीरीज में, दोनों खिलाड़ी 6.5-6.5 से बराबर थे। अंतिम गेम में डिंग लिरेन की एक गलती का लाभ उठाकर गुकेश ने जीत हासिल की। गुकेश ने यह खिताब 18 वर्ष की आयु में जीता। इससे पहले लगभग 40 साल पहले रूसी ग्रैंडमास्टर गैरी कास्पारोव ने यह उपलब्धि 22 वर्ष की उम्र में हासिल की थी। गुकेश, अपने मेंटर विश्वनाथन आनंद के बाद विश्व शतरंज चैंपियन बनने वाले दूसरे भारतीय हैं। गुकेश समेत, विश्व शतरंज चैंपियनशिप के इतिहास में 1886 के बाद से, अब तक सिर्फ़ 18 विश्व चैंपियन हुए हैं।
0
0
Supreme Court: सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार और अन्य NCR राज्यों से कहा है कि न सिर्फ़ वायु प्रदूषण बल्कि ध्वनि प्रदूषण को भी नियंत्रित करने के लिए पटाखों पर कम से कम एक साल के पूर्ण प्रतिबंध की जरूरत है।यह प्रतिबंध उत्पादन, भंडारण, बिक्री, वितरण और इस्तेमाल सभी पर होना चाहिए।न्यायालय ने कहा कि सरकार इस पर जल्द से जल्द निर्णय ले।
0
0
Supreme Court: भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने धार्मिक स्थलों से संबंधित याचिकाओं और सर्वे पर अगले आदेश तक प्रतिबंध लगा दिया है।अब देश की कोई भी अदालत किसी भी पूजा स्थल से संबंधित विवाद को लेकर अदालत नहीं जा सकेगी।सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि वो पूजा स्थल अधिनियम-1991 की शक्तियों और सीमाओं की पड़ताल कर रहे हैं इसलिए जबतक यह पड़ताल पूरी नहीं होती तब तक कोई मुक़दमा नहीं होगा।इस अधिनियम के अनुसार 15 अगस्त, 1947 को देश के सभी पूजा स्थलों का जो स्वरूप था वो वैसा ही रहेगा।
0
0
Related Posts
FICCI और Quess Corp ने भारत सरकार के लिए एक रिपोर्ट तैयार की है। जिसके अनुसार पिछले 4 सालों में भारतीयों को मिलने वाले वेतन में मात्र 0.8% की वृद्धि हुई है(CAWG)। मतलब 4 साल पहले यदि किसी की आय 15000 रुपये थी तो वो आज बढ़कर मात्र 15,484 रुपये ही होगी। जबकि इसी दौरान कंपनियों के मुनाफ़े में 300% की वृद्धि दर्ज की गई है।
0
0
हिंदुत्व एक बीमारी है, जो हिंदू धर्म को बदनाम कर रही है और अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुसलमानों की ‘लिंचिंग और उत्पीड़न’ को बढ़ावा दे रही है, जिसका इस्तेमाल भाजपा अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए कर रही है। : इल्तिज़ा मुफ़्ती(PDP, नेता)
0
0
Midday meal: 10 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मध्याह्न भोजन कार्यक्रम में रसोइया-सह-सहायकों (90% महिलाएं) का वेतन 2009 में तय किए जाने के बाद से 1000 रुपये ही बना हुआ है। जबकि सांसदों का वेतन 12 वर्षों में तीन गुना बढ़ा। 2006 में 16,000 रुपये बढ़ा। फिर 2009 में बढ़कर एक लाख रुपये से अधिक हो गया। नौकरशाहों का वेतन भी दो बार बढ़ा। (रीमा नागराजन, पत्रकार)
0
0
Previous Article
अकादमिक स्वतंत्रता सूचकांक 2024 के अनुसार भारत की शैक्षणिक स्वतंत्रता में भारी गिरावट दर्ज की गई है। यह बीते 10 सालों में 0.6 अंक से गिरकर 0.2 अंक पर आ गई है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में अब छात्रों और विद्वानों की शैक्षणिक स्वतंत्रता 1940 के बाद सबसे निचले स्तर पर है और पूरी तरह “प्रतिबंधित श्रेणी” के अंतर्गत है। अब सबसे बड़ा खतरा सत्तारूढ़ BJP द्वारा विश्वविद्यालयों पर राजनीतिक नियंत्रण करना है और उनके द्वारा हिंदू राष्ट्रवादी एजेंडा थोपने के प्रयास है। साथ ही छात्र विरोध को सीमित करने वाली विश्वविद्यालय की नीतियां हैं।
Next Article
श्रद्धांजलि: आप जब भी रतन टाटा के बारे में कुछ पढ़ेंगे, आपके भीतर यह भाव पैदा नहीं होगा कि ख़ुश रहने और शान की ज़िंदगी जीने के लिए हमारे पास लंबी गाड़ी होनी चाहिए, आलीशान बंगला होना चाहिए और ब्रांडेड चीज़ों से लदा जीवन होना चाहिए।यह कोई मामूली बात नहीं है।आप ज़रा नज़र घुमाकर देखिए, आपके आसपास की दुनिया कैसे छोटी-छोटी बातों में इन सबके न होने पर आपको कैसे कमतर होने का क्रूरता की हद तक एहसास कराते हैं। (विनीत कुमार,लेखक और मीडिया आलोचक)
Login
Sign Up
Remember me
Forgot Password?
Sign in
Or Login Using
Please wait. Signing you in...
I accept the
Terms of Service and Privacy Policy
Sign Up
Or Login Using
Please wait. Signing you in...
Lost your password? Please enter your username or email address. You will receive a link to create a new password via email.
Email Reset Link