प्रधानमंत्री ERCP को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री पर बार-बार इल्ज़ाम लगाते हैं, लेकिन हक़ीक़त कुछ और ही है। जयराम रमेश ने प्रेस वार्ता में कहा कि आप क्रोनोलॉजी समझिए
प्रधानमंत्री ने 7 जुलाई 2018 को जयपुर में और 6 अक्टूबर 2018 को अजमेर में ERCP को राष्ट्रीय परियोजना का दर्ज़ा देने का वादा किया था। इसका मतलब इस परियोजना के लिए 90% ख़र्च केंद्र सरकार को देना होता।
वर्ष 2018 के अंत में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री को 6 बार पत्र लिखकर ERCP को राष्ट्रीय परियोजना का दर्ज़ा देकर अपना वादा पूरा करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने पहला ख़त 3 जुलाई, 2020 को लिखा, दूसरा 20 जुलाई 2020 को, तीसरा 26 अक्टूबर 2020 को, चौथा 27 जनवरी 2021 को, पांचवा 12 मार्च 2021 को और छठा एवं आख़री खत 25 जून 2021 को लिखा।
लेकिन प्रधानमंत्री ने न तो किसी पत्र का जवाब दिया और न ही अपना वादा पूरा किया।
अंत में तंग आकर इस परियोजना को राजस्थान सरकार ने अपने दम पर आगे बढ़ाना शुरू किया। इसके लिए वर्ष 2022-23 के बजट में करीब 9 हज़ार 600 करोड़ रुपए का प्रावधान किया। वर्ष 2023-24 के बजट में 13000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
इसलिए अब यह प्रधानमंत्री झूठ योजना जल्दी ही बन्द होने वाली है।