मोदी के भाषण राजनीतिक छल-कपट के पाठ हैं। अपने पद की परवाह किए बिना वे बेशर्मी से तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं, भय फैलाते हैं और भावनाएं भड़काते हैं। उनके द्वारा चुने गए विषय और अभद्र भाषा उनके संचार की अश्लीलता को और बढ़ा देते हैं। (संजय झा, पत्रकार, द वायर)

- बोशल
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November 11, 2024
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