यदि कोई संचालक इन फैक्ट्रियों को चलाता है तो उसके ख़िलाफ़ कठोर कार्यवाही की जाएगी। इन सभी कंपनियों द्वारा गंगा में दूषित जल डाला जाता है। अन्य शहरों जो गंगा के किनारे बसे हैं उनमें भी स्थित फैक्ट्रियों के संचालन पर रोक है। जब तक अगला आदेश नहीं आता है ये सभी बंदी में रहेंगे।
नमामि गंगे योजना के अंतर्गत लगाया गया 50 करोड़ रुपया पानी में बह चुका है। इस रुपये से बना सीवर लाइन ट्रीटमेंट प्लांट पूरी तरह बन्द है।
माघ मेला फरवरी के अंत तक चलेगा।