आदिवासी मुद्दों पर पकड़ रखने वाले एक पत्रकार ने बताया कि श्रमिक नेता शहीद शंकर गुहा नियोगी की पत्नी ने जनमुक्ति मोर्चा के साथियों को हसदेव अरण्य को बचाने के लिए रवाना किया, ये सभी लोग पदयात्रा करते हुए वहां पहुंचेंगे।
इस पदयात्रा में सर्व आदिवासी समाज और गोंगपा के कार्यकर्ता भी शामिल हैं। नई सरकार के गठन के बाद इस अरण्य को उजाड़ने की प्रक्रिया बहुत तेज हो गयी है। जंगल के जानवर भी बाहर आने लगे हैं।