सुप्रीम कोर्ट ने भारत के संविधान के अनुच्छेद-200 की व्याख्या करते हुए कहा कि अगर राज्यपाल यह तय करता है कि उसे किसी विधेयक को अनुमति नहीं देना है तो राज्यपाल को चाहिए कि वह जल्द से जल्द विधेयक को पुनर्विचार के लिए वापस विधानसभा को भेज देना चाहिए।
संविधान में अनुच्छेद-200 में उस परिस्थिति के लिए कुछ भी नहीं कहा गया है जब राज्यपाल विधेयक को अनुमति नहीं देता या रोक लेता है। ऐसी स्थिति में राज्यपाल कभी कभी विधेयक को अनिश्चितकाल के लिए रोक लेते हैं। ऐसा ही कुछ केरल, तमिलनाडु और पंजाब के राज्यपालों द्वारा किया जा रहा है।इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने इसकी व्याख्या करते हुए उक्त बात कही है।