प्रियंका गांधी ने इज़रायल के हमले पर खुलकर इस बात की निंदा की है कि उत्तरदायी सरकारें समय पर निर्णय नहीं ले रही हैं जिसके कारण रोज मासूम लोग मारे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कितना निंदनीय और अपमानजनक मील का पत्थर है… ग़ज़ा में 10,000 से अधिक लोग मारे गए जिनमें से लगभग आधे बच्चे हैं। WHO के अनुसार हर दस मिनट में एक बच्चे की मौत हो रही है, और अब छोटे बच्चों को ऑक्सीजन की कमी के कारण उनको इनक्यूबेटर से निकालना पड़ा और उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया गया।
फिर भी, इस नरसंहार का समर्थन करने वालों की अंतरात्मा को कोई झटका नहीं, कोई युद्धविराम नहीं… बस अधिक बम, अधिक हिंसा, अधिक हत्याएं और अधिक पीड़ा।
इस विनाश का समर्थन करने वाली सरकारों को शर्म आनी चाहिए। यह कब पर्याप्त होगा?