भारतीय वैज्ञानिको ने सोचा है कि राजधानी की ज़हरीली धुंध को साफ़ करने के लिए वे क्लाउड सीडिंग की तकनीक का इस्तेमाल करेंगे। वे इस तकनीक को तैयार कर रहे हैं। लेकिन पर्यावरणविदों को और आलोचकों को यह डर है कि यह मूल कारणों से निपटने के लिए नहीं बल्कि उससे ध्यान भटकाने वाला महंगा कदम है।