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कॉंग्रेस नेता दीपेंदर हुड्डा ने कहा है कि हरियाणा की जनता BJP को 2024 में प्रदेश से बाहर का रास्ता दिखा देगी।
बोशल
January 1, 2024
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Gender Budget : इस बार फिर से जेंडर बजटिंग की खूब चर्चा है। देखा जाए तो भारत 20 वर्षों से लैंगिक बजट का मसौदा तैयार कर रहा है, पर यह लैंगिक बजट पिछले तमाम बजटों में जातिगत, वर्गगत, और आदिवासी महिलाओं, साथ ही हाशिए पर पड़ी अन्य महिला के विकास के मूल्यांकन को शामिल करने में विफल रहा है। हाशिए पर रहने वाली महिलाओं के जीवन को बदलने में बहुत सी योजनाएं हैं जो विफल हो गई हैं। भारत में पिछली जनगणना 2011 में हुई थी, जिससे वर्तमान डेटा पुराना हो गया है। यह अंतर इस बारे में गंभीर सवाल उठाता है कि अद्यतन आँकड़ों के बिना सरकारी नीतियाँ कैसे तैयार की जाती होंगी, यह अपने आप में योजनाओं की विफलता का बड़ा कारण है। विशेषज्ञों का कहना है कि जाति, वर्ग, लिंग और डिजिटल विभाजन की अंतर-सम्बन्धी वास्तविकताओं को संबोधित किए बिना, लैंगिक बजट भारत की महिलाओं को निराश करता रहेगा।
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ईशा फाउंडेशन द्वारा मानहानि के मुकदमें के बाद, दिल्ली उच्च न्यायालय ने यूट्यूबर श्याम मीरा सिंह के जग्गी वासुदेव और ईशा फाउंडेशन पर यूट्यूब वीडियो को हटाने का आदेश दिया। कोर्ट ने श्याम मीरा सिंह को वीडियो प्रकाशित या शेयर करने से भी रोक दिया है। श्याम मीरा सिंह ने अपने वीडियो में यह विस्तार से बताया था कि ईशा फाउन्डेशन में किस तरह छोटी लड़कियों को दीक्षा के नाम पर अर्धनग्न किया जाता है। जबकि वे इस अवस्था को लेकर टालमटोल करती हैं। उनकी नापसंदगी के बावजूद उनका ऊपरी हिस्सा बिना कपड़े के रखा जाता है।
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Sweepers’ protest : कुंभ के सफाई कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला। उन्होंने लंबे इंतजार के बाद आज प्रयागराज नगर निगम के सामने प्रदर्शन किया और होली के पहले वेतन की मांग की।
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USAID: सरकार को भारत की जनता को यह बताने में अधिकतम 1 घंटा लगेगा, कि USAID से किस संस्था को 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर मिले? RBI और वाणिज्यिक बैंक पूरी जानकारी दे सकते हैं। ये इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर हैं। इनके बारे में कोई रहस्य नहीं है। तो फिर मोदी सरकार चुप क्यों हो गई है? टीवी पर बड़े मीडिया के चीयरलीडर्स अचानक चुप क्यों हो गए हैं? बेचारे बुद्धिहीन भक्त (वेतनभोगी या अवैतनिक जो भी हो) फिर से मूर्ख क्यों महसूस कर रहे हैं। : संजय झा( लेखक)
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USAID: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 21 मिलियन डॉलर (2.1करोड़ डॉलर) की धनराशि से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम जोड़ा है। ट्रंप ने कहा कि “…और 21 मिलियन डॉलर मेरे मित्र, भारत में प्रधानमंत्री मोदी को वोटिंग के लिए दिए जा रहे हैं। हम भारत में वोटिंग के लिए 21 मिलियन डॉलर दे रहे हैं। हमारा क्या? मैं भी वोटिंग के लिए वोट चाहता हूँ, गवर्नर।” यह पहली बार है जब किसी राष्ट्रपति ने भारत के प्रधानमंत्री का नाम इस तरह आम चुनाव में मतदाताओं को प्रभावित करने के नाम पर जोड़ा है। यही बात जब अमेरिका के DOGE प्रमुख इलोन मस्क ने कही, तब भाजपा ने आरोप लगाया कि विदेशी ताकतें मोदी को हटाना चाहती हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि यह दो दोस्तों के बीच की बात है पर एक दोस्त ने दूसरे को धोखा दे दिया।
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USAID : कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि USAID का विस्तृत ब्यौरा सरकार सबके सामने रखे। इस पैसे का एक चौथाई हिस्सा, साल 2021-2024 के बीच नरेंद्र मोदी की सरकार के समय आया इसका हिसाब देश के सामने रखा जाए। 2012 के दौरान जब अन्ना हजारे का आंदोलन काफी जोर शोर से चल रहा था, केजरीवाल अपनी पार्टी बना रहे थे और नरेंद्रमोदी आडवाणी के खिलाफ़ षडयंत्र रच रहे थे तब भी USAID से पैसा आया। यह पैसा कहां गया, किसे गया हम सबकुछ श्वेत पत्र में जानना चाहते हैं।
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