उन्होंने कहा कि फर्जी खबरों का लक्ष्य समाज के मूलभूत तत्वों अर्थात सच्चाई को नष्ट करना है। उनके द्वारा यह कहते हुए उद्धृत किया गया कि,
प्रसार के पैमाने के आधार पर, फर्जी खबरें सच्ची जानकारी को खत्म कर देती हैं, जिससे प्रवचन का चरित्र सच्चाई की तलाश से सबसे ऊंची आवाज में बदल जाता है। इसलिए, दुष्प्रचार में सबकुछ ख़राब करने की शक्ति होती है।
सीजेआई ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हर दिन अखबारों पर सरसरी नजर डालने से अफवाहों और दुष्प्रचार अभियानों के परिणामस्वरूप होने वाली सांप्रदायिक और जानबूझकर की गई हिंसा सामने आती है।