लोकसभा ने मुख्य चुनाव आयुक्त बिल पास किया। नए विधेयक में सीजेआई को चुनाव आयुक्तों की चयन समिति से हटा दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि चुनाव आयुक्तों का चयन प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश की एक समिति द्वारा किया जाएगा।
लेकिन पारित विधेयक के अनुसार, पैनल में अब प्रधान मंत्री, विपक्ष के नेता और प्रधान मंत्री द्वारा नामित एक कैबिनेट मंत्री शामिल होंगे।
आम आदमी पार्टी ने जिसके सांसद उपस्थित थे उन्होंने इस बिल के दोषों पर तर्क दिए और इस बिल का विरोध किया।
इस तरह अब चुनाव आयोग के निष्पक्ष रहने की आशाएं कम हैं। विपक्ष के सांसदों के निलंबन के बाद संसद में बहस का भी कोई मतलब नहीं है, ज्यादा संख्या होने के कारण सत्तापक्ष ऐसे बिल पास कर रहा है जो आधे अधूरे और सिर्फ सत्तादल की मंशा से पास किये जा रहे हैं।