बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि हिन्दू त्योहार की छुट्टियां ख़त्म करने वाली बात बस एक अफ़वाह है
- बोशल
- November 30, 2023
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Climate Change : दुनियाभर के 56% मैंग्रोव वनों पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। स्विट्ज़रलैंड और अमेरिका के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित एक नए जोखिम सूचकांक (Risk Index) के अनुसार, वर्ष 2100 तक दुनिया के 56% मैंग्रोव वन गंभीर खतरे में आ जाएँगे। इससे भी चिंताजनक बात यह है कि करीब 34 प्रतिशत सबसे मूल्यवान मैंग्रोव क्षेत्र, जो समुद्री तटों की सुरक्षा, कार्बन भंडारण और मछली पालन जैसे महत्वपूर्ण पारिस्थितिक सेवाएं प्रदान करते हैं, वे गंभीर और संभवतः अपूरणीय क्षति(Irreversible) का सामना कर सकते हैं। वैज्ञानिकों ने इस स्थिति को “रीजाइम शिफ्ट” (Regime Shift) कहा है, जिसका अर्थ है कि पारिस्थितिकी तंत्र इतनी गहराई से बदल सकता है कि वह अपनी मौजूदा स्थिति में कभी वापस न लौट पाए। यह स्थायी क्षति समुद्र स्तर में वृद्धि और उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की बढ़ती तीव्रता के कारण हो सकती है। यह शोध 5 अप्रैल 2025 को Communications Earth & Environment जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
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Science : ज्यूरिख और ऑक्सफोर्ड की एक अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं की टीम ने आंतों में पाए जाने वाले हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ने के लिए एक नई और प्रभावशाली रणनीति विकसित की है। इस रणनीति में ओरल वैक्सीनेशन को माइक्रोबायोम-आधारित प्रतिस्पर्धा(microbiome-based competition) के साथ जोड़ा गया है। यह तरीका एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी (antibiotic-resistant) रोगजनकों को खत्म करने और पारंपरिक एंटीबायोटिक दवाओं पर निर्भरता को कम करने में मदद कर सकता है।शोधकर्ताओं ने यह दिखाया कि कैसे टीकाकरण को लाभकारी बैक्टीरिया के साथ जोड़ने से आंतों के संक्रमण को पूरी तरह से समाप्त किया जा सकता है। टीकाकरण से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली हानिकारक बैक्टीरिया को बेहतर तरीके से पहचानकर उन्हें निशाना बना सकती है। साथ ही, लाभकारी बैक्टीरिया को आंतों में स्थापित करके, वे हानिकारक बैक्टीरिया से पोषक तत्वों और जगह के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। इससे आंतों में मौजूद बुरे बैक्टीरिया की जगह अच्छे बैक्टीरिया को स्थान दिया जा सकता है।
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Mughal Monuments Revenue : मुगलों को बदनाम करने वाली BJP की सरकार ने देश के पूर्व मुस्लिम शासकों द्वारा बनाए गए पांच सबसे लोकप्रिय स्मारकों से पिछले पांच सालों में सैकड़ों करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है। केंद्र सरकार को 2014 के बाद से अकेले ताजमहल और आगरा किले के टिकटों की बिक्री से 700 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ। संस्कृति मंत्रालय द्वारा 3 अप्रैल को संसद में आंकड़े प्रस्तुत किए गए जिससे पता चला कि उत्तर प्रदेश में ताजमहल, नई दिल्ली में कुतुब मीनार और लाल किला, महाराष्ट्र में आगरा किला और रबिया दुरानी का मकबरा पर्यटकों के लिए पांच सबसे लोकप्रिय मुगलकालीन स्मारक हैं। 2019-20 से 2023-24 तक की पांच साल की अवधि में, केंद्र सरकार ने इन पांच स्मारकों पर पर्यटकों को टिकटों की बिक्री से 548 करोड़ रुपये कमाए।
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USAID: सरकार को भारत की जनता को यह बताने में अधिकतम 1 घंटा लगेगा, कि USAID से किस संस्था को 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर मिले? RBI और वाणिज्यिक बैंक पूरी जानकारी दे सकते हैं। ये इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर हैं। इनके बारे में कोई रहस्य नहीं है। तो फिर मोदी सरकार चुप क्यों हो गई है? टीवी पर बड़े मीडिया के चीयरलीडर्स अचानक चुप क्यों हो गए हैं? बेचारे बुद्धिहीन भक्त (वेतनभोगी या अवैतनिक जो भी हो) फिर से मूर्ख क्यों महसूस कर रहे हैं। : संजय झा( लेखक)
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USAID: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 21 मिलियन डॉलर (2.1करोड़ डॉलर) की धनराशि से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम जोड़ा है। ट्रंप ने कहा कि “…और 21 मिलियन डॉलर मेरे मित्र, भारत में प्रधानमंत्री मोदी को वोटिंग के लिए दिए जा रहे हैं। हम भारत में वोटिंग के लिए 21 मिलियन डॉलर दे रहे हैं। हमारा क्या? मैं भी वोटिंग के लिए वोट चाहता हूँ, गवर्नर।” यह पहली बार है जब किसी राष्ट्रपति ने भारत के प्रधानमंत्री का नाम इस तरह आम चुनाव में मतदाताओं को प्रभावित करने के नाम पर जोड़ा है। यही बात जब अमेरिका के DOGE प्रमुख इलोन मस्क ने कही, तब भाजपा ने आरोप लगाया कि विदेशी ताकतें मोदी को हटाना चाहती हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि यह दो दोस्तों के बीच की बात है पर एक दोस्त ने दूसरे को धोखा दे दिया।
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USAID : कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि USAID का विस्तृत ब्यौरा सरकार सबके सामने रखे। इस पैसे का एक चौथाई हिस्सा, साल 2021-2024 के बीच नरेंद्र मोदी की सरकार के समय आया इसका हिसाब देश के सामने रखा जाए। 2012 के दौरान जब अन्ना हजारे का आंदोलन काफी जोर शोर से चल रहा था, केजरीवाल अपनी पार्टी बना रहे थे और नरेंद्रमोदी आडवाणी के खिलाफ़ षडयंत्र रच रहे थे तब भी USAID से पैसा आया। यह पैसा कहां गया, किसे गया हम सबकुछ श्वेत पत्र में जानना चाहते हैं।
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