लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी(LoP) ने कहा है कि सूचना आयुक्त हीरालाल सामरिया को मुख्य सूचना आयुक्त(CIC) नियुक्त करते समय उन्हें पूरी तरह अंधेरे में रखा गया। राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में LoP ने कहा कि मुझे भारी हृदय से यह कहना पड़ रहा है कि सभी लोकतांत्रिक परंपराओं और नियमों को ताक में रखकर CIC व अन्य सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की गई है। उन्हें नियुक्ति करते समय न ही कुछ बताया गया न ही उनसे कोई सलाह ली गई।
क़ानून के मुताबिक़ सूचना आयुक्तों और CIC की नियुक्ति प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक तीन सदस्यीय समिति करती है जिसमें PM के अलावा उनके द्वारा नियुक्त एक कैबिनेट मंत्री व लोकसभा में विपक्ष का नेता शामिल होता है।