केरल के वंदिपेरियार में 2021 ने साढ़े पांच साल की बच्ची के यौन उत्पीड़न और हत्या के एकमात्र आरोपी तेईस वर्षीय अर्जुन को गुरुवार, 14 दिसंबर को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने बरी कर दिया।
पुलिस ने पहले इस केस को आत्महत्या का केस मान लिया था।
विशेष न्यायाधीश वी मंजू कट्टप्पाना में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत अपराधों की सुनवाई के लिए अदालत ने अभियोजन पक्ष के मामले को कमजोर पाते हुए उसे दोषी नहीं ठहराया। अदालत ने जांच में गंभीर खामियों के लिए भी जांच अधिकारी की आलोचना की, जैसे कि उंगलियों के निशान इकट्ठा करने में विफल रहना, महत्वपूर्ण सबूतों को कई दिनों तक बिना इकट्ठा किए छोड़ देना और सबूतों को छेड़छाड़ के लिए खुला छोड़ देना। अदालत ने जांच अधिकारी के बयानों में विसंगतियों के लिए उनकी विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाया।