देश भर में नफरती बयानों की घटनाओं को लेकर दायर सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चार राज्यों को नोटिस भेजा और अगली सुनवाई की तारीख़ 5 फरवरी को तय की।
इन राज्यों से पूछा गया है कि उन्होंने नोडल अधिकारी बनाया या नहीं? केंद्र की ओर से बताया गया कि 28 राज्यों ने नोडल अधिकारी नियुक्त कर लिए हैं।
याचिकाकर्ता के वकील निजाम पाशा ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति नफरती भाषण देता है तो उसको दोबारा सभाओं को संबोधित करने की अनुमति दी जाती है। कोर्ट की पीठ ने कहा कि हम व्यक्तिगत मामला से नहीं निपट सकते, संबंधित हाईकोर्ट में जाया जा सकता है।