द हिंदू ग्रुप पब्लिशिंग प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक एन. मुरली ने कहा, देश और मीडिया उद्योग पिछले 10 वर्षों के दौरान 1975 और 1977 के बीच की अवधि के समान अघोषित ‘आपातकाल’ का सामना कर रहा है, जिससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को खतरा है।
चेन्नई में द हिंदू एंड नेशनल प्रेस एम्प्लॉइज यूनियन की 67वीं वर्षगांठ समारोह में भाग लेते हुए, श्री मुरली ने आपातकाल के दौर की तुलना करते हुए कहा कि जब मीडिया की स्वतंत्रता और राजनीतिक स्वतंत्रता पर अंकुश लगा दिया गया था, तब मूक हमला हो रहा था। आज भी हमले हो रहे हैं, आज समाचार प्रकाशक सच नहीं बता रहे हैं सच नहीं छाप रहे हैं। उन्होंने कहा, अभी भी द हिंदू, द वायर, द टेलीग्राफ और डेक्कन हेराल्ड सहित कुछ समाचार प्रकाशन सच बताने से नहीं डरते हैं।
कागजों के दाम में बेतहाशा वृद्धि, विज्ञापन से होने वाली आय और विज्ञापन के लागतों में बढ़ोत्तरी ने अलग समस्याएं खड़ी की हैं। प्रिंट मीडिया ऐसी बहुत सी समस्याओं का सामना कर रहा है।