अमेरिका के बैरो न्यूरोलाजिकल इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक शोध से यह साबित हुआ है कि दूषित हवा(pm 2.5) में सांस लेने से पर्किनसन का खतरा 56% तक बढ़ जाता है। यह शोध इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अभी तक पार्किनसन के लिए उम्र और जीवन शैली को जिम्मेदार माना जाता था।
प्रदूषित हवा से पार्किनसन का खतरा 56% तक बढ़ जाता है: शोध
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