पर्यावरण थिंक टैंक, सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट(CSE) की एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में इन दिनों बिजली की खपत बढ़ रही है. CSE द्वारा किए गए एक शोध के मुताबिक़ बिजली की इस खपत का कारण है जलवायु परिवर्तन की वजह से बढ़ रही आर्द्रता.
जलवायु परिवर्तन की वजह से दिल्ली में बढ़ रही है आर्द्रता(Humidity)
- बोशल
- October 28, 2023
- 11399 Views
- 0 0
New Posts
-
Climate Change : दुनियाभर के 56% मैंग्रोव वनों पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। स्विट्ज़रलैंड और अमेरिका के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित एक नए जोखिम सूचकांक (Risk Index) के अनुसार, वर्ष 2100 तक दुनिया के 56% मैंग्रोव वन गंभीर खतरे में आ जाएँगे। इससे भी चिंताजनक बात यह है कि करीब 34 प्रतिशत सबसे मूल्यवान मैंग्रोव क्षेत्र, जो समुद्री तटों की सुरक्षा, कार्बन भंडारण और मछली पालन जैसे महत्वपूर्ण पारिस्थितिक सेवाएं प्रदान करते हैं, वे गंभीर और संभवतः अपूरणीय क्षति(Irreversible) का सामना कर सकते हैं। वैज्ञानिकों ने इस स्थिति को “रीजाइम शिफ्ट” (Regime Shift) कहा है, जिसका अर्थ है कि पारिस्थितिकी तंत्र इतनी गहराई से बदल सकता है कि वह अपनी मौजूदा स्थिति में कभी वापस न लौट पाए। यह स्थायी क्षति समुद्र स्तर में वृद्धि और उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की बढ़ती तीव्रता के कारण हो सकती है। यह शोध 5 अप्रैल 2025 को Communications Earth & Environment जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
0 0 -
Science : ज्यूरिख और ऑक्सफोर्ड की एक अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं की टीम ने आंतों में पाए जाने वाले हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ने के लिए एक नई और प्रभावशाली रणनीति विकसित की है। इस रणनीति में ओरल वैक्सीनेशन को माइक्रोबायोम-आधारित प्रतिस्पर्धा(microbiome-based competition) के साथ जोड़ा गया है। यह तरीका एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी (antibiotic-resistant) रोगजनकों को खत्म करने और पारंपरिक एंटीबायोटिक दवाओं पर निर्भरता को कम करने में मदद कर सकता है।शोधकर्ताओं ने यह दिखाया कि कैसे टीकाकरण को लाभकारी बैक्टीरिया के साथ जोड़ने से आंतों के संक्रमण को पूरी तरह से समाप्त किया जा सकता है। टीकाकरण से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली हानिकारक बैक्टीरिया को बेहतर तरीके से पहचानकर उन्हें निशाना बना सकती है। साथ ही, लाभकारी बैक्टीरिया को आंतों में स्थापित करके, वे हानिकारक बैक्टीरिया से पोषक तत्वों और जगह के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। इससे आंतों में मौजूद बुरे बैक्टीरिया की जगह अच्छे बैक्टीरिया को स्थान दिया जा सकता है।
0 0 -
Mughal Monuments Revenue : मुगलों को बदनाम करने वाली BJP की सरकार ने देश के पूर्व मुस्लिम शासकों द्वारा बनाए गए पांच सबसे लोकप्रिय स्मारकों से पिछले पांच सालों में सैकड़ों करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है। केंद्र सरकार को 2014 के बाद से अकेले ताजमहल और आगरा किले के टिकटों की बिक्री से 700 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ। संस्कृति मंत्रालय द्वारा 3 अप्रैल को संसद में आंकड़े प्रस्तुत किए गए जिससे पता चला कि उत्तर प्रदेश में ताजमहल, नई दिल्ली में कुतुब मीनार और लाल किला, महाराष्ट्र में आगरा किला और रबिया दुरानी का मकबरा पर्यटकों के लिए पांच सबसे लोकप्रिय मुगलकालीन स्मारक हैं। 2019-20 से 2023-24 तक की पांच साल की अवधि में, केंद्र सरकार ने इन पांच स्मारकों पर पर्यटकों को टिकटों की बिक्री से 548 करोड़ रुपये कमाए।
0 0
Related Posts
-
Climate Change : दुनियाभर के 56% मैंग्रोव वनों पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। स्विट्ज़रलैंड और अमेरिका के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित एक नए जोखिम सूचकांक (Risk Index) के अनुसार, वर्ष 2100 तक दुनिया के 56% मैंग्रोव वन गंभीर खतरे में आ जाएँगे। इससे भी चिंताजनक बात यह है कि करीब 34 प्रतिशत सबसे मूल्यवान मैंग्रोव क्षेत्र, जो समुद्री तटों की सुरक्षा, कार्बन भंडारण और मछली पालन जैसे महत्वपूर्ण पारिस्थितिक सेवाएं प्रदान करते हैं, वे गंभीर और संभवतः अपूरणीय क्षति(Irreversible) का सामना कर सकते हैं। वैज्ञानिकों ने इस स्थिति को “रीजाइम शिफ्ट” (Regime Shift) कहा है, जिसका अर्थ है कि पारिस्थितिकी तंत्र इतनी गहराई से बदल सकता है कि वह अपनी मौजूदा स्थिति में कभी वापस न लौट पाए। यह स्थायी क्षति समुद्र स्तर में वृद्धि और उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की बढ़ती तीव्रता के कारण हो सकती है। यह शोध 5 अप्रैल 2025 को Communications Earth & Environment जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
0 0 -
फ्रांसीसी प्राधिकार वाले हिन्द महासागर में स्थित क्षेत्र मायोट में चक्रवात ‘चिडो’ ने तबाही मचा दी। चक्रवात की रफ़्तार से 220 किमी/घंटे से अधिक थी।फ्रांसीसी गृह मंत्रालय के अनुसार, यहाँ अब तक 11 लोगों को मौत हो चुकी है।इस ट्रॉपिकल चक्रवात से कोमोरोस और मेडागास्कर में भी नुकसान हुआ है। अफ्रीका महाद्वीप के पूर्व में स्थित मायोट की तीन लाख से आबादी दो द्वीपों में फैली है।
0 0 -
COP29 के मसौदे में अमीर देशों से विकासशील देशों की जलवायु अनुकूलन और शमन प्रयासों(Adaptation and Mitigation efforts) के लिए सालाना $250 बिलियन योगदान करने का प्रस्ताव रखा गया है। यह लक्ष्य 2009 में तय किए गए $100 बिलियन वार्षिक प्रतिबद्धता से काफी बड़ा है, जिसे अभी तक पूरी तरह से हासिल नहीं किया जा सका है।अभी इस पर अंतिम फैसला होना बाक़ी है जिससे यह तय होगा कि यह लक्ष्य बाध्यकारी प्रतिबद्धता बनेगा या केवल एक सुझाव के रूप में रहेगा।COP29 हाल ही में, बाकू, अज़बैज़ान में संपन्न हुई है।
0 0
Previous Article
सोशल मीडिया पर अश्लील फ़ोटो देखना अपराध नहीं: इलाहाबाद HC
Next Article