पेंटागन का कहना है कि, गलवान झड़प के बाद चीन ने 2022 से एलएसी पर सेना और बुनियादी ढांचे की मौजूदगी बढ़ा दी है।
- बोशल
- October 22, 2023
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Climate Change : दुनियाभर के 56% मैंग्रोव वनों पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। स्विट्ज़रलैंड और अमेरिका के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित एक नए जोखिम सूचकांक (Risk Index) के अनुसार, वर्ष 2100 तक दुनिया के 56% मैंग्रोव वन गंभीर खतरे में आ जाएँगे। इससे भी चिंताजनक बात यह है कि करीब 34 प्रतिशत सबसे मूल्यवान मैंग्रोव क्षेत्र, जो समुद्री तटों की सुरक्षा, कार्बन भंडारण और मछली पालन जैसे महत्वपूर्ण पारिस्थितिक सेवाएं प्रदान करते हैं, वे गंभीर और संभवतः अपूरणीय क्षति(Irreversible) का सामना कर सकते हैं। वैज्ञानिकों ने इस स्थिति को “रीजाइम शिफ्ट” (Regime Shift) कहा है, जिसका अर्थ है कि पारिस्थितिकी तंत्र इतनी गहराई से बदल सकता है कि वह अपनी मौजूदा स्थिति में कभी वापस न लौट पाए। यह स्थायी क्षति समुद्र स्तर में वृद्धि और उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की बढ़ती तीव्रता के कारण हो सकती है। यह शोध 5 अप्रैल 2025 को Communications Earth & Environment जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
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Science : ज्यूरिख और ऑक्सफोर्ड की एक अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं की टीम ने आंतों में पाए जाने वाले हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ने के लिए एक नई और प्रभावशाली रणनीति विकसित की है। इस रणनीति में ओरल वैक्सीनेशन को माइक्रोबायोम-आधारित प्रतिस्पर्धा(microbiome-based competition) के साथ जोड़ा गया है। यह तरीका एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी (antibiotic-resistant) रोगजनकों को खत्म करने और पारंपरिक एंटीबायोटिक दवाओं पर निर्भरता को कम करने में मदद कर सकता है।शोधकर्ताओं ने यह दिखाया कि कैसे टीकाकरण को लाभकारी बैक्टीरिया के साथ जोड़ने से आंतों के संक्रमण को पूरी तरह से समाप्त किया जा सकता है। टीकाकरण से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली हानिकारक बैक्टीरिया को बेहतर तरीके से पहचानकर उन्हें निशाना बना सकती है। साथ ही, लाभकारी बैक्टीरिया को आंतों में स्थापित करके, वे हानिकारक बैक्टीरिया से पोषक तत्वों और जगह के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। इससे आंतों में मौजूद बुरे बैक्टीरिया की जगह अच्छे बैक्टीरिया को स्थान दिया जा सकता है।
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Mughal Monuments Revenue : मुगलों को बदनाम करने वाली BJP की सरकार ने देश के पूर्व मुस्लिम शासकों द्वारा बनाए गए पांच सबसे लोकप्रिय स्मारकों से पिछले पांच सालों में सैकड़ों करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है। केंद्र सरकार को 2014 के बाद से अकेले ताजमहल और आगरा किले के टिकटों की बिक्री से 700 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ। संस्कृति मंत्रालय द्वारा 3 अप्रैल को संसद में आंकड़े प्रस्तुत किए गए जिससे पता चला कि उत्तर प्रदेश में ताजमहल, नई दिल्ली में कुतुब मीनार और लाल किला, महाराष्ट्र में आगरा किला और रबिया दुरानी का मकबरा पर्यटकों के लिए पांच सबसे लोकप्रिय मुगलकालीन स्मारक हैं। 2019-20 से 2023-24 तक की पांच साल की अवधि में, केंद्र सरकार ने इन पांच स्मारकों पर पर्यटकों को टिकटों की बिक्री से 548 करोड़ रुपये कमाए।
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Poorness in India: ब्लूम वेंचर्स (उद्यम पूंजी फर्म) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में गरीबी बढ़ती जा रही है। भारत की 1.4 अरब की आबादी में 1अरब आबादी के पास मन का खरीदने और सेवाएं लेने के पैसे ही नहीं हैं। एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में उपभोक्ता वर्ग बढ़ नहीं रहा है बल्कि ये गहरा हो रहा है। इसका मतलब है कि भारत की धनी आबादी की संख्या वास्तव में नहीं बढ़ रही है। जो पहले से ही अमीर हैं वे और भी अमीर होते जा रहे हैं। रिपोर्ट के निष्कर्ष इस दृष्टिकोण को बल देते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था में कोरोना महामारी के बाद की K-आकार की ग्रोथ ने अमीर को अधिक अमीर बनाया और गरीबों की पॉकेट से पैसे छीन लिया। सरकार की नीतियों में समस्याएं कोरोना महामारी से पहले ही शुरू हो गई थी और अब असमानता इतनी बढ़ गई है कि शीर्ष 10% भारतीयों के पास अब राष्ट्रीय आय का 57.7% हिस्सा है, जबकि निचले आधे लोगों का राष्ट्रीय आय में हिस्सा 15% हो गया है।
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Research Paper Gujrat model: एक शोधपत्र में कहा गया है कि गुजरात मॉडल असल में बिहार के नजदीक है, यहां कुपोषण है, गरीबी और अमीरी की खाईं गहरी हुई है, गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की दर बढ़ी है, शिक्षा की दर अच्छी नहीं है, अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा बहुत कमजोर है। शोधपत्र में यह बात बड़ी दिलचस्प कही गई है कि भारत में अगर कोई मॉडल है, तो वह तमिलनाडु का विकास मॉडल है, यह एक ऐसा राज्य है, जिसने लगभग गरीबी मिटा दी है, तेज़ी से औद्योगीकरण भी किया है और सेवाएं अब उद्योगों की जगह ले रही हैं। यह चीज गुजरात मॉडल में देखने को नहीं मिलती, यहां जॉब क्रिएशन नहीं है। गुजरात का विकास बिना नौकरियों का विकास है। यह शोध पत्र राजनीति विज्ञानी और दक्षिण एशिया विशेषज्ञ क्रिस्टोफ जेफरलॉ, विग्नेश राजमणि और नील भारद्वाज ने तीन राज्यों पर शोध करके तैयार किया है।
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Deported Indians: अमेरिका से निर्वासित अवैध प्रवासियों का चौथा जत्था भारत पहुंचा। ये लोग अमेरिका से पनामा भेजे गए थे फिर वहां से भारत आए, कहा जा रहा है कि यह अंतिम जत्था है, इसमें 12 लोग हैं। इनके पैरों में बेड़ियां और हाथों में हथकड़ियां नहीं थी बल्कि इनके पैरों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगे हुए थे। 42 लाख रुपए खर्च करने वाले एक निर्वासित भारतीय ने अपनी आप बीती बताई और कहा कि भारत की चुप्पी ने हमारी परेशानियां बढ़ा दीं। हमारे साथ बहुत ग़लत व्यवहार हुआ। कोलंबिया और मैक्सिको ने अमेरिका के खिलाफ बोलने का साहस किया पर भारत ने कुछ नहीं किया।
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