उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग अब सबके धैर्य और लापरवाही का परीक्षण कर रही है।
भूवैज्ञानिकों और विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में सुरंगों को वनाते समय वैज्ञानिक चिंताओं को नजरअंदाज कर दिया जाता है। भारत में सुरंग निर्माण में लगी कंपनियां और एजेंसियां ऐसे तमाम सुरक्षा चिंताओं पर ध्यान नहीं देतीं जिन्हें भूवैज्ञानिक सुझाते हैं।
नई ऑस्ट्रियाई टनलिंग विधि के सिद्धांत का सही अर्थों में पालन नहीं किया जाता।
वरिष्ठ भूविज्ञानी एसपी सती ने कहा कि जहां सुरंग बनाई जा रही है वह पूरा क्षेत्र खंडित चट्टानों से बना नाजुक क्षेत्र है। अब श्रमिक दूषित वातावरण से भी जूझ रहे हैं। क्योंकि सुरंग में कहीं भागने का रास्ता नहीं है।